धान, भारतीय खाद्य संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल भारत में एक मुख्य भोजन के रूप में खाया जाता है, बल्कि यहाँ की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक महत्वपूर्ण खाद्यान्न है। धान का भाव या ‘पैडी प्राइस’ देश की कृषि अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती हैं और किसानों के जीवन को सीधे प्रभावित करती हैं।
पैडी प्राइस एक महत्वपूर्ण अर्थशास्त्रिक संकेतक है जो धान की बाजार मूल्य स्थिति को दर्शाता है। इसका निर्धारण विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है जैसे कि उपज क्षमता, आपूर्ति और मांग के अनुसार। पूरे विश्व में धान की उत्पादन और उपयोग की वजह से धान के भाव की महत्वपूर्ण भूमिका है।
आज का धान का भाव
मंडिया | धान का भाव |
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शाहाबाद – 1121 | 4750/- |
पंचकुला बासमती धान 1718 | 4630/- |
नरवाना 1121 | 4680/- |
सिरसा – 1121 बासमती | 4570/- |
गनौर | 4280/- |
पिपली मंडी | 3770/- |
पानीपत – धान CSR 30 यामिनी | 3990/- |
करनाल – CSR 30 यामिनी | 4400/- |
पुसा बासमती – 1718 – उकलाना | 4630/- |
करनाल – पुसा बासमती 1718 | 4560/- |
यमुनानगर – 1718 धान | 4580/- |
मेहम मंडी धान 1121 | 4660/- |
सोनीपत – बासमती -1121 | 4130/- |
भारत में, धान का भाव का निर्धारण भारतीय सरकार द्वारा किया जाता है और इसमें कई कारकों को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। यह सबसे अधिक बाजारों और उत्पादन क्षेत्रों में होने वाली मांगों के आधार पर किया जाता है। इसके अलावा, विभिन्न अन्य निर्माता देशों के धान के भाव भी भारतीय बाजारों को प्रभावित कर सकते हैं।
पिछले वर्षों में, धान के भाव में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। इसमें अनुसार, किसानों के लिए उत्तरादायित्वपूर्ण कीमतें प्राप्त करने के लिए सरकार को नीतियों और कानूनों में सुधार करने की आवश्यकता है।
धान के दाम से संबंधित विविध परिवर्तनों का समय पर संबोधन करना आवश्यक है ताकि किसानों को न्यायिक और सही मूल्य मिल सके। अधिक सुधार करने के लिए संबंधित अधिकारियों, अनुसंधानकर्ताओं और किसान संगठनों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।